Hindi, asked by kamakshipant77, 14 hours ago

2 'बढ़ते प्रदूषण से बदलता मौसम' विषय पर एक अनुच्छेद लिखें। plz give me ans urgent ​

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Answered by pradhanmadhumita2021
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वायु प्रदूषण पूरी वायुमंडलीय हवा में बाह्य तत्वों का मिश्रण है। उद्योगों और मोटर वाहनों से उत्सर्जित हानिकारक और बिषैली गैसें मौसम, पेड़-पौधों और मनुष्य सभी को बहुत हानि पहुँचाती हैं। कुछ प्राकृतिक और कुछ मानवीय संसाधन वायु प्रदूषण के कारक हैं। हालांकि सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण मानव गतिविधियों के कारण होता है जैसे: जीवाश्म, कोयला और तेल का जलना, हानिकारक गैसों को छोड़ना और कारखानों और मोटर वाहनों के पदार्थ आदि।

इस तरह के हानिकारक रासायनिक तत्व जैसे कार्बन ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड, ठोस पदार्थ आदि ताजी हवा में मिश्रित हो रहे हैं। वायु प्रदूषण का स्तर बहुत बड़े स्तर पर बढ़ा है, जिसका कारण पिछली शताब्दी में मोटर वाहनों की बढ़ती हुई आवश्यकता है, जिससे 69% तक वायु प्रदूषण में वृद्धि की है।

वायु प्रदूषण के अन्य स्त्रोतों में लैंडफिल में कचरे का अपघटन और ठोस पदार्थों के निराकरण की प्रक्रिया से मीथेन गैस (जो स्वास्थ्य के लिये बहुत हानिकारक होता है) का निकलना है। तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या, औद्योगिकीकरण, स्वचलित वाहनों के प्रयोग में वृद्धि, हवाई जहाज आदि ने इस मुद्दे को गंभीर पर्यावरण का मुद्दा बना दिया है।

जिस हवा को हम सांस के द्वारा प्रत्येक क्षण लेते हैं, वो पूरी तरह से प्रदूषित है जो हमारे फेफड़ों और पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण के माध्यम से जाती है और अनगिनत स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बनती है। प्रदूषित वायु पेड़-पौधों, पशुओं और मनुष्य के लिये प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से नष्ट करने का कारण बनती है। यदि पर्यावरण को सुरक्षित करने वाली नीतियों का गंभीरता और कड़ाई से पालन नहीं किया गया तो वायु प्रदूषण का बढ़ता हुआ स्तर आने वाले दशकों में 1 मिलियन टन वार्षिक के आधार पर बढ़ सकता है।

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