Accountancy, asked by rahuls626310, 17 hours ago

2. डेबिट व क्रेडिट करने के परंपरागत नियम लिखिए।

Answers

Answered by ranautkarsh2906
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Answer:

nikalna b dalna ek mate sagara hai

Answered by yassersayeed
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प्रत्येक लेनदेन में नामे (डेबिट) और जमा (क्रेडिट) दोनों होते हैं और हर लेनदेन के लिए दोनों को बराबर होना चाहिए। नामे (डेबिट्स) बायीं ओर होते हैं और नामे खाते में वृद्धि करते हैं एवं एक जमा खाता को कम करते हैं।

डेबिट व क्रेडिट करने के परंपरागत नियम:

  • अब से सभी डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं को लेनदेन सीमा निर्धारित करने की अनुमति है।
  • कार्ड उपयोगकर्ताओं के पास अब अपने क्रेडिट/डेबिट कार्ड जैसे ऑनलाइन लेनदेन (ई-कॉमर्स), अंतरराष्ट्रीय लेनदेन और संपर्क रहित लेनदेन (एनएफसी-आधारित) पर सेवाओं को ऑप्ट-इन या ऑप्ट-आउट करने का विकल्प है।
  • RBI ने सभी बैंकों और कार्ड जारी करने वाली कंपनियों को उन सभी डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन भुगतान को अक्षम करने के लिए कहा है, जिनका उपयोग भारत या विदेश में ऑनलाइन या संपर्क रहित लेनदेन के लिए कभी नहीं किया गया है।
  • बैंकों को कार्ड जारी करने/पुनः जारी करने के समय भारत में एटीएम और PoS टर्मिनलों पर केवल घरेलू कार्ड लेनदेन की अनुमति देने के लिए कहा गया है।
  •  अंतरराष्ट्रीय लेनदेन, ऑनलाइन लेनदेन, संपर्क रहित लेनदेन के लिए ग्राहकों को अपने कार्ड पर सेवाओं को अलग से स्थापित करना होगा।
  • सभी उपलब्ध चैनलों - मोबाइल एप्लिकेशन / इंटरनेट बैंकिंग / एटीएम / इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस (आईवीआर) के माध्यम से सभी लेन-देन सीमा को चालू / बंद करने या बदलने के लिए उपयोगकर्ताओं की 24x7 पहुंच होगी।
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