Science, asked by kumarankit65070, 4 months ago

2. फू ल के िकस भाग मेंपुंके सर और परागकोश उपिस्थत होतेहैं ?​

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Answered by vimalkumarvishwakarm
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Answer:

फूल क्या होते हैं...

फूल प्रायः किसी पौधे का सबसे आकर्षक हिस्सा होते है। इनमे पंखुड़ियों के अलावा पौधे के जननांग होते हैं, जिनमे निषेचन के परिणामस्वरूप फलों और बीजों का निर्माण होता है।

पुष्पतंतु या पुष्पाधार क्या होता है...

फूल जो होते हैं वह पौधे की किसी शाखा से निकलने वाले डंठल पर लगा होता है। इस डंठल को ही पुष्पतंतु या पुष्पाधार कहते हैं।

फूल के कौन-कौन से भाग होते हैं..

फूल के चार भाग होते हैं..

-बाह्य दल पुंज

-दलपुंज या पंखुडिय़ां

-पुंकेसर या पुरुष जननांग

-स्त्रीकेसर या मादा जननांग

बाह्य दलपुंज किसे कहते हैं...

फूल के नीचे हम देखते हैं कि हरे रंग की पंखुड़ी टाइप की रचना होती है, फूल खिलने के पहले इन्ही के अन्दर बंद रहता है । इन्हें बाह्यदलपुंज कहते हैं। यह फूल की सुरक्षा भी करते हैं और भोजननिर्माण में भी सहायक होते हैं।

दलपुंज या मुख्य पंखुडिय़ां किन्हें कहते है...

यह फूल की पंखुडिय़ा होती हैं जो हमें फूल के रंग में ही दिखती हैं। इन्हें दलपुंज कहते हैं। ये तीन-चार से लेकर सैकड़ों तक हो सकते हैं।

पुंकेसर किन्हें कहते हैं

फूल के डंठल पर पंखुडिय़ों के बीच में कुछ लंबे लंबे सूत्र जैसी रचनाएं होती हैं, जिनके मुंडी थोड़ी गोल या फूली हुई होती है। इन्हें पुंकेसर कहते हैं। पुुंकेसर फूल का नर भाग होता है।

पुंकेसर के विभिन्न हिस्सों के नाम बताइए...

-पुंकेसर के ऊपरी सिरे पर स्थित फूले हुए भाग को परागकोष कहते हैं।

-हर परागकोष में दो पिंड होते हैं, जिन्हें परागकण कहते हैं।

-ये परागकण जिस डंठल जैसी रचना से जुड़े होते हैं उन्हें पुतंतु कहते हैं।

स्त्रीकेसर किसे कहते हैं...

यह फूल के अंदर होती है जिससे फूल की पंखुडियां निकली हुई लगती हैं। यह कीप के जैसी संरचना होती है। यह फूल का स्त्री भाग होता है।

स्त्रीकेसर के विभिन्न भागों के नाम बताइए...

-स्त्रीकेसर के ऊपर का वी शेप्ड हिस्सा वर्तिकाग्र कहलाता है।

- इसकी नली जैसी संरचना वर्तिका कहलाती है।

-इसका अंडाकार हिस्सा अंडाशय कहलाता है।

- इसके अंडाशय में उपस्थित अंडे जैसी संरचना बीजांड कहलाती है।

फूल से फल और बीजों के बनाने की प्रक्रिया समझाइये...

फूल के परिपक्व होने पर इसके पुंकेसर स्थित परागकोष से निकले पराग कण स्त्रीकेसर पर पहुंच जाते हैं । जिससे परागण की प्रक्रिया होती।परागण क्रिया के कारण बीज का अंडाशय फल बन जाता है। अंडाशय के अन्दर स्थित स्थित बीजांड में बीजों का निर्माण होता है।

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