2. गरीबी के दो विशिष्ट मामले की विवेचना करें।
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गरीबी भूख है और उस अवस्था में जुड़ी हुई है निरन्तरता। यानी सतत् भूख की स्थिति का बने रहना।
गरीबी है एक उचित रहवास का अभाव, गरीबी है बीमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ ले पाने में असक्षम होना, विद्यालय न जा पाना और पढ़ न पाना।
गरीबी है आजीविका के साधनों का अभाव और दिन में दोनों समय भोजन न मिल पाना।
छोटे-बच्चों की कुपोषण के कारण होने वाली मौतें गरीबी का वीभत्स प्रमाण है और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में शक्तिहीनता, राजनैतिक व्यवस्था में प्रतिनिधित्व न होना और अवसरों का अभाव गरीबी की परिभाषा का आधार तैयार करते हैं।
जब कोई व्यक्ति जीवन की न्यूनतम मूलभूत आवश्यकताओं को प्राप्त करने में असमर्थ होता है तो इस स्थिति को गरीबी के रूप में जाना जाता है। जब माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने की स्थिति में नहीं होते हैं या ऐसी स्थिति होती है जहां बीमार लोग इलाज का खर्च नहीं उठा सकते हैं और परिवारों के पास उचित स्वच्छ पानी, स्वच्छता सुविधाएं और नियमित नौकरी नहीं होती है।गरीबी के दो विशिष्ट मामले:
- गरीबी का अर्थ है भूख और आश्रय की कमी, स्वच्छ पानी और स्वच्छता सुविधाओं की कमी, न्यूनतम सभ्य स्तर पर नियमित नौकरी की कमी।
- गरीबी को स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक माना जाता है।
- भारत वास्तव में तभी स्वतंत्र होगा जब उसके सबसे गरीब लोग मानवीय पीड़ा से मुक्त होंगे।
#SPJ2