2) गद्य आकलन - प्रश्ननिर्मिति
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर गद्यांश में एक - एक वाक्य
में हो:
नारी इस संपूर्ण जगत का आधार हैं। नारी के बिना संसार की कल्पना भी असंभव हैं। नारी कभी
माता के रूप में नवजीवन देती हैं , तो कभी अर्धागिनी के रूप में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।बहन
के रूप में भी कभी वह अपना असीम प्रेम लुटाती है, तो कभी बेटी के रूप में गौरव प्रदान करती है।
नारी के रूप में अनेक हैं, लेकिन उसके हर रूप में प्रेम व समर्पण झलकता हैं। स्वयं के दुख
और
की चिंता छोड़कर पिता, पति, पुत्र व भाई पर अपना सर्वस्व निछावर करने वाली सिर्फ नारी ही
हो सकती हैं। तपस्या व त्याग का दूसरा नाम ही नारी हैं। शायद यही कारण हैं कि प्रकृति को भी
स्त्री के रूप में पूजा जाता हैं, क्योंकि वह भी अपने पुत्रों पर अपना स्नेह लुटाती रहती हैं। नारी जब
स्नेह लुटाने पर आती हैं, तो जगतमाता बन जाती हैं, लेकिन जब वह अत्याचार के विरुदध शस्त्र
ठाती हैं , तो चंडी का रूप धारण कर लेती हैं। ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना इंसान हैं,लेकिन संपूर्ण
रचना नारी ही हैं। नारी की महानता का बखान हमारे धर्मशास्त्र करते नहीं थकते हैं।अनुसूया,सावित्री
जैसी अनेकों महान नारियों का उल्लेख हमारे ग्रंथों में मिलता हैं, जिनके सामने स्वयं विधाता को भी
अपना मस्तक झुकाना पड़ता
Answers
Answered by
0
Answer:
what to do please teel it in detail
Similar questions