Hindi, asked by ravikasde14, 3 months ago

2. घनानंद हिन्दी की रीतिमुक्त का काव्यधारा के कवि
हैं। रीतिकाल की तीन धाराओं रीतिबद्ध,रीति सिद्ध
एवं एवं रीतिमुक्त के संबंध में लिखिए।​

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Answered by tushatbhai
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Answer:

घनानंद (१६७३- १७६०) रीतिकाल की तीन प्रमुख काव्यधाराओं- रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध और रीतिमुक्त के अंतिम काव्यधारा के अग्रणी कवि हैं। ये 'आनंदघन' नाम स भी प्रसिद्ध हैं। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने रीतिमुक्त घनानन्द का समय सं. ... इस प्रकार आलोच्य घनानन्द वृंदावन के आनन्दघन हैं।

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