2. घर जाने की खुशी होने के बाद भी गजाधर बाबू
का मन क्यों दुखी था ? लिखिए।
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घर जाकर पत्नी, बाल बच्चों के साथ रहने की कल्पना से गजाधर बाबू का मन बहुत खुश था, परन्तु पैंतीस वर्ष तक रेलवे के क्वार्टर में रहते हुए वहाँ के परिचित स्नेह आदरमय, सहज संसार से सदैव के लिए नाता टूटने तथा सम्मान हट जाने से क्वार्टर की कुरूपता को देखकर उनका मन एक विचित्र विषाद का अनुभव कर रहा था।
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घर जाकर पत्नी, बाल बच्चों के साथ रहने की कल्पना से गजाधर बाबू का मन बहुत खुश था, परन्तु पैंतीस वर्ष तक रेलवे के क्वार्टर में रहते हुए वहाँ के परिचित स्नेह आदरमय, सहज संसार से सदैव के लिए नाता टूटने तथा सम्मान हट जाने से क्वार्टर की कुरूपता को देखकर उनका मन एक विचित्र विषाद का अनुभव कर रहा था।
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