2. हम ईमानदारी से रहते हैं और थोड़े में गुजारा करते
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हां ईमानदार व्यक्ति को भी बेईमान बना सकता है,लालच,भूख,और लाचारी।ये वो चीजे है जिससे अच्छे अच्छे ईमानदार व्यक्ति का भी ईमान डोल जाता है,इसमें सबसे प्रबल है लालच ,सबसे ज्यादा लोग लालच में ही फंस कर बेईमानी के दलदल में फंस जाते है,और जब बेईमानी का चस्का लग जाता है फिर वो उस दलदल में गहराई तक धसता चला जाता है ।ऐसे बहुत ही कम लोग होते है जो दृढ़ संकल्प के साथ ईमानदारी से अपना काम करते है।दूसरा कारण है भूख ।भूख से भी आदमी बेईमानी करने पर मजबूत हो जाता है , कोई खुद तो भूखा रह सकता है लेकिन अपने परिवार को भूखा नहीं देख सकता,लिहाजा लोग गलत तरीके से धन कमाने की कोशिश करने लगते है और बेईमान बन जाते हैं।तीसरा कारण है लाचारी ,जब किसी के पास इतना धन नहीं होता कि अपने परिवार का सही से लालन पालन कर सके,सही से अच्छी शिक्षा दे सके,स्वास्थ्य की देख भाल कर सके, तो वो लाचारी बस गलत तरीके से धन कमाने या चोरी करने के बारे में सोचने लगता है और बेईमान बन जाता है।अत:हम कह सकते हैं कि भूख , लालच और मजबूरी में ईमानदार व्यक्ति भी बेईमान बना जाता है।
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