Hindi, asked by kondapallyramesh87, 10 months ago

2. हम ईमानदारी से रहते हैं और थोड़े में गुज़ारा करते हैं।​

Answers

Answered by sunakat483
4

Answer:

भारतीय संस्कृति के अनुसार, शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसे बाल्यावस्था में उसके अभिभावकों ने ‘ईमानदार’ रहने की शिक्षा न दी हो। विद्यालय की वाद-विवाद प्रतियोगिता में “ईमानदारी ही सर्वश्रेष्ठ नीति है” जैसी उक्तियों को विषय के रूप में खूब प्रयोग किया जाता था। अंग्रेज़ी भाषा के महान लेखक विलियम शेक्सपियर ने कहा है कि “कोई भी प्रसिद्धि ईमानदारी जितनी समृद्ध नहीं होती”। शेक्सपियर की ये पंक्तियाँ भले ही व्यावहारिक जगत के लिये निरर्थक और अव्यवहारिक दिखाई दें, परंतु इनकी प्रासंगिकता अभी भी भौतिक समृद्धि और विकास की दौड़ में अपना अस्तित्व बनाए हुए है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम ईमानदारी के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण कर यह जानने का प्रयास करें कि बचपन में सिखाए जाने वाले मूल्य किस प्रकार वर्तमान में उपयोगी हो सकते हैं।

Explanation:

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Answered by lohitaksha232009
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भारतीय संस्कृति के अनुसार, शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसे बाल्यावस्था में उसके अभिभावकों ने 'ईमानदार' रहने की शिक्षा न दी हो। विद्यालय की वाद-विवाद प्रतियोगिता में “ईमानदारी ही सर्वश्रेष्ठ नीति है” जैसी उक्तियों को विषय के रूप में खूब प्रयोग किया जाता था। अंग्रेज़ी भाषा के महान लेखक विलियम शेक्सपियर ने कहा है कि "कोई भी प्रसिद्धि ईमानदारी जितनी समृद्ध नहीं होती । शेक्सपियर की ये पंक्तियाँ भले ही | व्यावहारिक जगत के लिये निरर्थक और अव्यवहारिक दिखाई दें, परंतु इनकी प्रासंगिकता अभी भी भौतिक समृद्धि और विकास की दौड़ में अपना अस्तित्व बनाए हुए है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम ईमानदारी के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण कर यह जानने का प्रयास करें कि बचपन में सिखाए जाने वाले मूल्य किस प्रकार वर्तमान में उपयोगी हो सकते हैं।

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