Art, asked by tiwaridivya536, 3 months ago

2.
हरिवंशराय बच्चन की कविता ‘पथ की पहचान' की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं-
है अनिश्चित किस जगह
सरित, गिरि, गह्वर मिलेंगे,
है अनिश्चित किस जगह पर,
बाग वन सुंदर मिलेंगे।​

Answers

Answered by gauridurbude1432
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Answer:

आपके द्वारा प्रदान किया गया पाठ हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखित एक हिंदी कविता "पथ की पहचान" का एक पद है। श्लोक कह रहा है कि मंजिल तक पहुंचने का रास्ता अनिश्चित है, पहाड़ों, नदियों और जंगलों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन अंत में एक सुंदर बगीचा और जंगल मिलेगा।

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