Hindi, asked by sumeraqureshi98, 3 months ago

(2) 'जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार' इस विषय पर अपने विचार लिखिए।​

Answers

Answered by rekhagehlot246
8

Answer:

जिस दिन आपने असफलता से अनुभव लेकर आगे बढ़ने की ठान ली, उस दिन आपको सफलता की मंजिल पर पहुँचने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती. हार आपके जीवन का पूर्ण विराम नहीं बल्कि यह आपके गुणों की परीक्षा है, जिसमें आपको सफल होकर आगे बढ़ना है. ... इन्होनें अपने जीवन मे कई परेशानियों और आरोपों का सामना किया, और आगे बढ़ते ही रहे।

Explanation:

मुझे तो ऐसा नहीं लगता है, मैं सोचता हूँ कि हार एक नई राह की शुरुआत होती है. जिसने भी यह जाना, दुनिया ने उसे माना है. सफल व्यक्ति हार से नहीं जीवन में रूक जाने से डरते हैं. एक नदी की तरह बहना ही तो जीवन है, नदी का पानी कहीं रूक जाता है तो कुछ दिनों बाद ही उसकी पवित्रता खत्म होने लगती है. आज के इस प्रतिस्पर्धा के युग में अगर हर किसी को आसानी से सफलता मिलती रहे, तो इस दुनिया मे सफलता का महत्व और आनंद पूरी तरह समाप्त हो जायेगा।

किसी काम को करने से पहले दिल में एक डर होता है. यह डर नाकामयाबी का भी हो सकता है और हार का भी. यही डर अधिकतर लोगों को नई राह पर चलने से रोकता भी है. अगर आप अपनी मंजिल से अज्ञात हैं और आपके रास्ते भी अनजान हैं, तो इसमें डरने की कोई बात नहीं है. ऐसा तो अक्सर बहुत से लोगों के साथ होता है।

बस आपको जरूरत है आत्मविश्वास और संयम की. वैसे हार भी एक मीठा अनुभव ही तो है, जो आपके भविष्य की छोटी जीत की खुशी को दोगुना कर देती है।

मेरी भगवान से हमेशा यही प्रार्थना होती है कि, “हे ईश्‍वर मुझे आसान सी जीत नहीं बल्कि हिम्मत दें, हर हार के बाद एक नई राह दें, आप मुझे तब तक परखो, जब तक मुझे मेरे मुक्कदर का कोहिनूर हीरा नहीं मिल जाता।”

आज के मेरे युवा दोस्तों की सबसे बड़ी रुकावट, हार का डर और उसके बाद की शर्मिंदगी का एहसास है, जो उन्हें आगे बढ़ने नहीं देता है. कुदरत का एक नियम है, गुलाब की खूशबू उसे ही मिलती है, जिसमें कांटो को सहन करने की ताकत भी होती है. गुलाब के किसी पौधे पर कांटे कम या ज्यादा हो सकते हैं, पर कांटो के बिना गुलाब नहीं खिलता है।

Answered by rajkumarkanojiyaa197
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Explanation:

सफल व्यक्ति हार से नहीं जीवन में रूक जाने से डरते हैं. एक नदी की तरह बहना ही तो जीवन है, नदी का पानी कहीं रूक जाता है तो कुछ दिनों बाद ही उसकी पवित्रता खत्म होने लगती है. आज के इस प्रतिस्पर्धा के युग में अगर हर किसी को आसानी से सफलता मिलती रहे, तो इस दुनिया मे सफलता का महत्व और आनंद पूरी तरह समाप्त हो जायेगा।

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