CBSE BOARD X, asked by akshst2005, 4 months ago

2. जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाहि ।
प्रेम गली अति साँकरी, तामे दो न समाहि ।।​

Answers

Answered by vaishali378
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Answer:

it is one of the sant kabir dohas

Explanation:

जब तक मन मे अहंकार था तब तक ईश्वर का साक्षात्कार न हुआ, जब अहंकार समाप्त हुआ तभी ईश्वर मिले।

प्रेम की गली मे केवल एक ही समा सकता है।

अहम् या परम! परम की प्राप्ती के लिए अहम् का विसर्जन आवश्यक है ।

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