2. 'कोमल गात, मृदुल वसंत, हरे-हरे ये पात'
विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर
दिए गए वाक्यांशों में गात, वसंत और पात शब्द विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता
(विशेषण) क्रमशः कोमल, मृदुल और हरे-हरे शब्दों से ज्ञात हो रही है।
हिंदी विशेषणों के सामान्यतया चार प्रकार माने गए हैं-गुणवाचक विशेषण,
परिमाणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण और सार्वनामिक विशेषण।
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गुणवाचक विशेषण -- अच्छा बंदर, सुंदर कार।
परिमाणवाचक विशेषण --2 गज जमीन, 4 किलो केले।
संख्यावाचक विशेषण-- चार संतरे ,प्रथम स्थान।
सर्वनाम वाचक विशेषण --यह लाल फूल है ,यह तेरी फ्रॉक है।
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कवि के अनुसार हरे-हरे पात, डालियाँ, कलियाँ और कोमल गात उसके कोमल भाव हैं। उसके मन में नए भाव दूसरों को सुख प्रदान कर सकते हैं; उन्हें खुशियाँ दे सकते हैं। 'प्रत्यूष मनोहर' से तात्पर्य है-मन को जीत लेने वाला प्रभात।
- चारों ओर हरियाली छा जाना।
- 'कोमल गात' में 'कोमल' शब्द एक विशेषण है। यह एक गुणवाचक विशेषण है।
- कोमल गात, मृदुल वसंत, हरे-हरे ये पात' विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) की विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं।
- डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात। जगा एक प्रत्यूष मनोहर। वसंत में डालियाँ, कलियाँ और छोटे पौधे सभी कोमल शरीर वाले होते हैं। गात शब्द का मतलब है शरीर।
- विशेषण जिस संज्ञा (या सर्वनाम) कि विशेषता बताता है, उसे विशेष्य कहते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में गात, वसंत, और पात शब्द विशेष्य हैं, क्यूंकि इनकी विशेषता (विशेषण) क्रमशः कोमल, मृदुल, और हरे-हरे शब्द बता रहे हैं।
Explanation:
दिए गए वाक्यांशों में गात, वसंत और पात शब्द विशेष्य हैं, क्योंकि इनकी विशेषता विशेषण क्रमश:कोमल, मृदुल और हरे हरे शब्द बता रहे है। हिंदी विशेषणों के सामान्यतया चार प्रकार माने गए है गुणवाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण और सार्वनामिक विशेषण।
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