Hindi, asked by santoshkaumar16, 3 months ago

2.
कोष्ठक में से उचित अव्ययपद लेकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
अत्र, श्वः, शनैः, शीघ्रम्, तत्र, कदा
(क) त्वम् शोधम
आगतः।
चलातु भवान्।
(ग)
मम पिता आगमिष्यति।
(घ)
चलसि?
एक: तापस: वसति।
(ङ) त्वम केवन कारणेन
(च)
वा
उपविशतु भवान्।​

Answers

Answered by siddhi5229
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Answer:

किसी भी भाषा के वे शब्द अव्यय (Indeclinable या inflexible) कहलाते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नहीं होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। चूँकि अव्यय का रूपान्तर नहीं होता, इसलिए ऐसे शब्द अविकारी होते हैं। अव्यय का शाब्दिक अर्थ है- 'जो व्यय न हो।'

उदाहरण

हिन्दी अव्यय : जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात इत्यादि।

संस्कृत अव्यय : अद्य (आज)

ह्यः (बीता हुआ कल)

श्वः (आने वाला कल)

परश्वः (परसों)

अत्र (यहां)

तत्र (वहां)

कुत्र (कहां)

सर्वत्र (सब जगह)

यथा (जैसे)

तथा (तैसे)

कथम् (कैसे)

सदा (हमेशा)

कदा (कब)

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