(2)कबीर के अनुसार 'पुस्तकें पढ़ने से वास्तविक ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती' क्या
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कबीर के इस कथन से हम सहमत हैं क्योंकि पुस्तकें पढ़ने से केवल बौद्धिक ज्ञान की प्राप्ति होती है लेकिन वास्तविक ज्ञान की प्राप्ति तो जीवन के अनुभव, प्रेम, और नैतिकता से होती है।
Explanation:
- कबीरदास जी कहते हैं कि मोटी-मोटी किताबें पढ़ने से कोई ज्ञानी नहीं बन जाता परन्तु प्रेम और निर्मलता हमें ज्ञानि बनाती है।
- शास्त्र और ग्रन्थ पढ़कर कोई भी व्यक्ति बौद्धिक ज्ञान तो प्राप्त कर सकता है और अच्छी जीविका कमा सकता है परन्तु वास्तवकि ज्ञान तो केवल प्रेम से ईश्वर की आराधना करके ही प्राप्त होगा।
- क्योंकि ईश्वर की आराधना से ही व्यक्ति निर्मल अनुभव और आचरण की सीख प्राप्त करता है और संसार में प्रेम बांटकर स्वयं एवं दूसरों को भी खुश करता है।
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