2. कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, " अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है। "
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Explanation:
उत्तर: कथावाचक और हरिहर काका के बीच दोस्ती का संबंध है, हालांकि दोनों के बीच उम्र का फासला है। जब कथावाचक एक छोटा बच्चा था तो उसे हरिहर काका का ढ़ेर सारा प्यार मिला। जब वह थोड़ा बड़ा हुआ तो उसके पहले मित्र भी हरिहर काका ही बने। कथावाचक की माँ के अनुसार, हरिहर काका के लिए पहला मित्र कथावाचक ही था।
हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?
उत्तर: महंत और हरिहर काका के भाई, दोनों की मंशा एक ही थी। दोनों ने अपने लक्ष्य साधने के लिए हरिहर काका से बराबार की मात्रा में बुरा व्यवहार किया। इसलिए हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के लगने लगे।
लेखक ने यह इसलिए कहा है, क्योंकि अज्ञान की ही स्थिति में अर्थात् सांसारिक आसक्ति या नश्वर संसार के सुख की इच्छा के कारण ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। जब उन्हें यह ज्ञान हो जाता है कि मृत्यु तो अटल सत्य है, क्योंकि जो इस धरती पर जन्म लेता है, उसकी मृत्यु तो निश्चित है तथा जब यह शरीर जीर्ण-शीर्ण हो जाता है, तो इस मृत्यु के माध्यम से प्रभु हमें नया शरीर और नया जीवन देते हैं, तब वे मृत्यु से घबराते नहीं, डरते नहीं, बल्कि मृत्यु आने पर उसका स्वागत करते हैं, अर्थात् उसका वरण करते हैं।