(2) कवि ने चींटी को शिलपी कयो कहा है?
ये चींटी कविता का कोशचन है ा
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hiii mate
- [विरल = जो घंनी न हो। तम = अन्धकार। लघुपद = छोटे-छोटे पैरों से। पल-पल = थोड़ी-थोड़ी देर में। पिपीलिका = चींटी। सतत = निरन्तर। अविरत = बिना रुके। अरि = शत्रु। बुहारती = साफ करती।]
i need brainlist answers
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hi mate what you are doing
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