2. कविता की निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए- lines of the poem.) (क) लगे रोशनी की झड़ी झूम ऐसी, निशा की गली में तिमिर राह भूले। खुले मुक्ति का वह किरण-द्वार जगमग उषा जा न पाए, निशा आ न पाए।
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उषा जा न पाए, निशा आ ना पाए।
इस कविता के माध्यम से कवि ये कहना चाहते हैं कि दीपावली में दीपक जलाकर रोशनी करना तो उत्सव का एक रूप है जो कि रात तक सिमट जाता है। पर वास्तव हमें ये पर्व ये संदेश देता है कि असली दीवाली तब मनेगी जब इस संपूर्ण संसार के लोगों के हृदय अंदर से जगमग हो जाएँ।
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