2. कविता 'उलटा-पुलटा' से आपको सीखने को क्या मिला? अपने शब्दों में लिखिए-
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अवधारणा परिचय:-
कविता के रूप में जानी जाने वाली भाषा के बोलचाल और लिखित रूप में एक प्राकृतिक भाषण पैटर्न और व्याकरणिक संरचना होती है।
व्याख्या:-
हमें एक प्रश्न प्रदान किया गया है
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उल्टा-पुल्टा / दीनदयाल शर्मा
दीनदयाल शर्मा »
हो गया उल्टा-पुल्टा इक दिन
उड़ गया हाथी पंखों के बिन।
धरती से पाताल की ओर
बीच चौराहे घनी भीड़ में
भरी दुपहरी नाचा मोर।
बकरी ने दो दिए थे अंडे
बैठे थे शमशान में पंडे।
गूँगी औरत करती शोर
चूहों की दहाड़ सुनी तो
सिर के बल पर भागे चोर।
मुर्गा बोला म्याऊँ-म्याऊँ
बिल्ली बोली कुकड़ू कूँ।
बिना पतंग के उड़ गई डोर
निकले तारे धरती पर तो
छिप गया सूरज हो गई भोर
अंतिम उत्तर:-
इसका सही उत्तर है 'उल्टा-पुल्टा' कविता।
#SPJ2
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