Hindi, asked by XTLUCKYBHAI, 4 days ago

2. कवययत्री अपने जीवन रूपी नाव को ककससे खीींच रही है? और वह कै सी है?



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Answers

Answered by anupamsgpgi
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Answer:

वह साहब को पहचानने का यह उपाय बताती है कि मनुष्य को आत्मज्ञानी होना चाहिए। वह अपने विषय में जानकर ही साहब को पहचान सकता है। वाख में 'रस्सी' शब्द मनुष्य की साँसों के लिए प्रयुक्त हुआ है। इसके सहारे वह शरीर-रूपी नाव को इस संसार रुपी सागर में खींच रहा है।

Answered by ITZURADITYAKING
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Explanation:

\huge\underline\bold\fcolorbox{black}{cyan}{Question}कवययत्री अपने जीवन रूपी नाव को ककससे खीींच रही है? और वह कै सी है?\huge\pink{\fbox{\bf{Answer}}}वह साहब को पहचानने का यह उपाय बताती है कि मनुष्य को आत्मज्ञानी होना चाहिए। वह अपने विषय में जानकर ही साहब को पहचान सकता है। वाख में 'रस्सी' शब्द मनुष्य की साँसों के लिए प्रयुक्त हुआ है। इसके सहारे वह शरीर-रूपी नाव को इस संसार रुपी सागर में खींच रहा है।0

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