2. खरबूजे बेचनेवाली स्त्री से कोई खरबूजे क्यों नहीं खरीद रहा था?
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खरबूजे बेचनेवाली स्त्री से कोई खरबूजे इसलिए नहीं खरीद रहा था क्योंकि वह घुटनों में सिर गड़ाए फफक-फफककर | रो रही थी। इसके बेटे की मृत्यु के कारण लगे सूतक के कारण लोग इससे खरबूजे नहीं ले रहे थे। उस स्त्री को देखकर लेखक को उसके प्रति सहानुभूति की भावना उत्पन्न हुई थी। उसे देखकर लेखक का मन व्यथित हो उठा।
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खरबूजे बेचनेवाली स्त्री से कोई खरबूजे इसलिए नहीं खरीद रहा था क्योंकि वह घुटनों में सिर गड़ाए फफक-फफककर | रो रही थी। इसके बेटे की मृत्यु के कारण लगे सूतक के कारण लोग इससे खरबूजे नहीं ले रहे थे। उस स्त्री को देखकर लेखक को उसके प्रति सहानुभूति की भावना उत्पन्न हुई थी। उसे देखकर लेखक का मन व्यथित हो उठा।
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