2.मोबाइल फोन के दुरुपयोग एवं सदुपयोग पर शिक्षक एवं छात्र के मध्य एक संवाद लिखिए।
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Answer:
मोबाइल फ़ोन या मोबाइल (इसे सेलफोन और हाथफोन भी बुलाया जाता है,[1] या सेल फोन, सेलुलर फोन, सेल, वायरलेस फोन, सेलुलर टेलीफोन, मोबाइल टेलीफोन या सेल टेलीफोन) एक लंबी दूरी का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे विशेष बेस स्टेशनों के एक नेटवर्क के आधार पर मोबाइल आवाज या डेटा संचार के लिए उपयोग करते हैं इन्हें सेल साइटों के रूप में जाना जाता है। मोबाइल फोन, टेलीफोन, के मानक आवाज कार्य के अलावा वर्तमान मोबाइल फोन कई अतिरिक्त सेवाओं और उपसाधन का समर्थन कर सकते हैं, जैसे की पाठ संदेश के लिए SMS, ईमेल, इंटरनेट के उपयोग के लिए पैकेट स्विचिंग, गेमिंग, ब्लूटूथ, इन्फ़रा रेड, वीडियो रिकॉर्डर के साथ कैमरे और तस्वीरें और वीडियो भेजने और प्राप्त करने के लिए MMS, MP3 प्लेयर, रेडियो और GPS. अधिकांश वर्तमान मोबाइल फोन, बेस स्टेशनों (सेल साइटों) के एक सेलुलर नेटवर्क से जुड़ते हैं, जो बदले में सार्वजनिक टेलीफोन स्विचित नेटवर्क (PSTN) से जुड़ता है (सॅटॅलाइट फोन इसका अपवाद है)।
अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ ने अनुमान लगाया था की २००८[2] के अंत तक विश्वव्यापी मोबाइल सेलुलर सदस्यताएँ लगभग 410 करोड़ तक पहुंच जाएगा और मोबाइल फोन आर्थिक पिरामिड के निचले स्थर की लोगों पर पहुँच रही है।
Explanation:
अविकल्प--अनमोल, तुम्हारे पास मोबाइल फोन है ?
अनमोल--हाँ , है तो !
अविकल्प--मेरा मोबाइल फोन घर पे ही छूट गया है | चेतन को फोन करना है | उसके पास पाँच बजे फोन करना था, सात बज गए है |
अनमोल--अविकल्प तुम्हारी यह आदत अच्छी नहीं है | मोबाइल फोन को तुमने अपने जीवन के साथ इस तरह जोड़ रखा है की तुम इसके बिना एक पल भी नहीं रह सकते | मोबाइल फोन से इस तरह का जुड़ाव अच्छी बात नहीं है |
अविकल्प--क्या करूँ, मैं इस आदत से लाचार हूँ | मेरे पास मोबाइल फोन नहीं होता है, तो मुझे लगता है की मैं बहुत बड़ी विपत्ति मैं हूँ |
अनमोल--यह कैसी विवशता है ! जानते हो अविकल्प, यह मोबाइल फोन का दुरूपयोग है | मोबाइल फोन बहुत उपयोगी है, पर हमेशा इसपर व्यस्त रहने से व्यक्ति को अपने पर से भरोसा उठ जाता है, वह सामाजिक स्तर पर रचनात्मक नहीं हो पाता है | वह कुछ संबंधों में ही सिमटकर रह जाता है और समाज के विस्तृत परिवेश से सर्वथा काट जाता है | जानते हो अविकल्प, यह सामाजिक कटाव मनुष्य को अकेला कर देता है तथा वह एक दिन भयंकर मनोग्रंथि की चपेट में आ जाता है |
अविकल्प--मैं भी इसे समझता हूँ अनमोल, पर क्या करूँ, मैं विवश-सा हो गया हूँ |
अनमोल--तुम खाक समझते हो | यह विवशता तुम्हारी खरीदी हुई है | तुम्हे इस विवशता से निकलना होगा | मोबाइल फोन पर तुम्हारी अनपेक्षित व्यवस्ता तुम्हारे स्वास्थ्य को चौपट कर देगी | इससे निकलनेवाली रेडियो तरंगे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है |
अविकल्प--गुरूजी, अब मैं समझ गया | अब तो अपना मोबाइल