2-मेण्डल द्वारा प्रतिपादित स्वतन्त्र उपव्यूहन का नियम उदाहरण
देकर समझाइए
Answers
Answer:
एक संकर संकरण के प्रयोग में जब एक ही लक्षण के दो विरोधी गुणों वाले पौधों के बीच संकरण कराया जाता हैं , तो प्रथम पीढ़ी (F1) में वही गुण प्रदर्शित होता हैं जो प्रभावी होता हैं | इसी को प्रभाविता का नियम कहते हैं | इस क्रिया में जो गुण या कारक प्रकट होता हैं या जो दूसरे गुण को प्रदर्शित नही होने देता , उसे प्रभावी गुण या कारक (Dominant factor) कहते हैं | जबकि वह गुण जो प्रकट नही होता , उसे अप्रभावी गुण या कारक (Recessive factor) कहते हैं |
उदहारण – मेंण्डल ने नियम की पुष्टि हेतु जब मटर के समयुग्मजी लम्बे (TT) पौधे तथा समयुग्मजी बौने (tt) पौधे के बीच संकरण कराया जाता हैं तो संकरण के फलस्वरूप प्रथम पीढ़ी (F1) में जो पौधे प्राप्त हुए वे सभी विसमयुग्मजी लम्बे (Tt) थे | जो प्रभावित के नियम की पुष्टि करता हैं | तथा F1 पीढ़ी में लम्बेपण का लक्षण प्रदर्शित हुआ जिसे प्रभावी गुण या लक्षण कहा गया जबकि जो लक्षण प्रदर्शित नही हुआ अर्थात बौनेपन के लक्षण को अप्रभावी गुण या लक्षण कहा गया |