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:) मीराबाई ने 'राम-रतन धन' किसे कहा है?
'जगत में झूठी देखी प्रीत' इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर लिखिए-
सूरदास के पद में वर्णित श्री कृष्ण की बाल-लीला का वर्णन
मीराबाई के पद का मूलभाव अपने शब्दों में लिखिए।
दी गई संकेत पंक्तियों का सप्रसंग भावार्थ लिखिए-
Answers
मीराबाई ने 'राम-रतन धन' किसे कहा है?
➲ मीराबाई ने गुरु और उनके द्वारा दिये गये ज्ञान को राम-रतन धन कहा है, जिसके कारण उन्हें प्रभु को पाने में आसानी हुई।
'जगत में झूठी देखी प्रीत' इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
➲ 'जगत में झूठी देखी प्रीत' इस पंक्ति का आशय है कि इस संसार में प्रेम हमेशा सच्चा ही नही होता बल्कि इस संसार झूठा प्रेम भी देखने में आता है।
सूरदास के पद में वर्णित श्री कृष्ण की बाल-लीला का वर्णन
➲ सूरदास अपने पदों में श्री कृष्ण की बाल लीला का वर्णन करते हुए कहते हैं कि माता यशोदा जब कान्हा को दूध पीने के लिए देती थीं। तो कान्हा दूध पीने में नखरे दिखाते थे और माता यशोदा उन्हें दूध पीने का लालच देती थी तो कान्हा मैया से बोलते कि मैया कब बढ़ेगी मेरी चोटी कितने दिन दूध हो गए। लेकिन अभी तक यह चोटी छोटी की छोटी है। आप कहती थी कि मेरी छोटी जटाओं की तरह लंबी और मोटी हो जाएगी। तुम मुझे इस रोज सुबह जल्दी उठाती, कंघी करती, मेरी चोटी गूंथती, तुम अकेली अकेली माखन रोटी खा लेती हो और मुझे कच्चा दूध पिलाती हो।
मीराबाई के पद का मूलभाव अपने शब्दों में लिखिए।
➲ मीराबाई के पद का मूल भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी निष्काम भक्ति को प्रकट करना है।
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