Hindi, asked by shinghshatrudhan697, 1 month ago

2. मूर्ति पत्थर की तथा चश्मा रियल लेखक का यह कथन - (क) व्यंग्यात्मक कथन है।।​

Answers

Answered by lakshitasolanki1675
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Answer:

जिस किसी ने भी नेताजी की मूर्ति की आँखों पर सरकंडे से बना चश्मा लगाया होगा, वह देश से एवं देश के महान नेताओं से अत्यंत प्रेम करने वाला व्यक्ति होगा। उसमें देशभक्ति की भावना प्रबल रूप से व्याप्त होगी और वह देश के प्रति अपने उत्तरदायित्वों से अच्छी तरह परिचित होगा। मैं मानता हूँ कि वह व्यक्ति गंभीर एवं सच्चा देशभक्त होगा, जो देश एवं देश के महान नेताओं के प्रति अत्यंत प्रेम की भावना रखता है। जब उसे नेताजी की मूर्ति बिना चश्मे के अधूरी लगी होगी, तब उसके अंदर देशप्रेम की भावना उत्पन्न हुई होगी। वह बार-बार चश्मा बदलने की आर्थिक स्थिति में भी नहीं होगा। अतः उसने कम लागत वाली सरकंडे का चश्मा लगनपूर्वक बनाकर नेताजी की मूर्ति को पहनाया होगा और उनके व्यक्तित्व के अधूरेपन को समाप्त कर दिया होगा। अधिक संभावना यह है कि ऐसा किसी बच्चे ने किया होगा। हम अपनी ऐसी भावी पीढ़ी पर गर्व कर सकते हैं।

Explanation:

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Answered by nandinysahu040
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Answer:

मूर्ति के नीचे लिखा 'मूर्तिकार मास्टर मोतीलाल' वाकई कस्बे का अध्यापक था। बेचारे ने महीने भर में मूर्ति बनाकर पटक देने का वादा कर दिया होगा। बना भी ली होगी लेकिन पत्थर में पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए-काँचवाला यह तय नहीं कर पाया होगा। हालदार साहब मूर्ति को बिना चश्मे के देखकर जो सोच रहे थे, वह सत्य निकला।

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