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मूर्यो
की संगति
राजा कृष्णदेव राय अपनी प्रजा का बहुत ध्यान रखते थे। प्रजा के सुख-दुख का हाल जानने के लिए वे
राज्य में वेश बदलकर घूमते थे। एक बार किसी बात पर तेनालीराम से नाराज़ होकर उन्होंने उसे दरबार में न
आने का आदेश सुना दिया। यह सुनकर अन्य दरबारियों की बाँछे खिल गईं। वे सब बहुत प्रसन्न हुए क्योंकि
सभी दरबारी मन-ही-मन तेनालीराम से ईर्ष्या करते थे।
कृष्णदेव राय वेश बदलकर राज्य भ्रमण पर जब भी निकलते थे तो अपने साथ तेनालीराम को अवश्य
ले जाते थे। परंतु इस बार तेनालीराम की अनुपस्थिति में वे कुछ अन्य दरबारियों के साथ राज्य भ्रमण पर
निकले। छद्म वेशधारी राजा भ्रमण करते हुए एक गाँव में पहुंचे। उन्हें बहुत प्यास लगी थी। उन्होंने एक
झोंपड़ी के बाहर खड़े आदमी से पानी माँगा। आदमी ने उन्हें मटके का
शीतल जल पीने के लिए दिया। राजा की प्यास बुझ गई। उन्होंने
उस आदमी से पूछा, "कहो भाई, तुम्हारे गाँव में किसी व्यक्ति
को कोई कष्ट तो नहीं है?" इससे पहले कि वह कुछ उत्तर
देता, आगंतुकों को देखकर आस-पास के अन्य
ग्रामीण भी वहाँ एकत्र हो गए। छद्म
वेशधारी राजा ने अपना प्रश्न पुनः
दोहराया। गाँव वालों ने सोचा कि ये लोग
राजा के अधिकारीगण हैं और राजा के
कहने पर निरीक्षण करने आए हैं। ग्रामीणों
ने कहा, “महाशय, हमारे गाँव में
सुख-शांति है। किसी को कोई कष्ट नहीं
है। हमारे राजा कृष्णदेव राय प्रजा को अपनी
संतान की तरह प्रेम करते थे उनके होते हुए हमें कष्ट होने का प्रश्न ही नहीं उठता हम भी दिन रात मेहनत करके अपने राज्य की खुशहाली में योगदान देते हैं राजा को गांव वालों का उत्तर अच्छा लगा परंतु इससे उन्हें संतुष्टि नहीं हुई उन्होंने एक और प्रश्न किया राधा के बारे में आपकी क्या राय है सभी ने बारी-बारी से राजा का गुणगान करते हुए उनकी महानता का वर्णन किया एक वृद्ध की शान जो बोल नहीं पा रहा था राजा ने उससे भी वही प्रश्न किया मृतक किसान उठा और पास के खेत से एक गन्ना तोड़ लाया फिर राजा के पास आकर गन्ना दिखाते हुए संकेत किया कि हमारे राजा इसकी तरह अमृत किसान की बात समझ नहीं पाया उसने दरबारियों के वृद्ध किसान की बात का आर्ची से पूछा दरबारी दूरदर्शन नहीं थे राजा के समक्ष कही गई बात का क्या परिणाम हो सकता है इस बात से अनभिज्ञ थे बिना कुछ सोचे समझे तथा किसान के भाव का दूसरा अर्थ निकालते हुए एक दरबारी बोला महाराज के कहने का आशय है इस गाने की तरह कमजोर है जिसे कोई भी व्यक्ति आसानी से उखाड़ सकता |
राजा को दरबारी की बात सही लगी मैं गुस्से से तमतमा उठे और वृद्ध की शान से बोले नहीं हो कि मैं कौन हूं रानी कठोर वाणी सुनकर भी डर के मारे थर थर कांपने लगा जो भीड़ में कंबल और है खड़ा था बोला महाराज ग्रामीण आपको अच्छी तरह समझते हैं पहचानते हैं लेकिन बड़े दुख की बात है कि आपको दरबार ही आपका अब तक समझ नहीं पाए मेरे वृद्ध मित्र का संकेत का अर्थ केवल इतना था कि हमारे राजा इस गन्ने की तरह मीठे हैं जो प्रजा पर अपार स्नेह लुटाते हैं लेकिन दुश्मन के लिए बहुत कठोर है दुश्मन को सबक सिखाने के लिए वैगन ने दंड के समान है जिससे दुश्मनों को पीटने का कार्य भली-भांति किया जा सकता है इतना कह कर वृद्ध ने अपना कंबल हटा लिया और नकली दाढ़ी मूछें उतार कर फेंक दी |
उसे देखते ही राजा चौक पढ़े और बोले तेनालीराम तुम हमारा पीछा नहीं छोड़ोगे तेनालीराम बड़े विभाग से बोला महाराज जी आपका पीछा छोड़ दिया तो ना जाने कितने बेकसूर लोग इन अज्ञानी दरबारियों के कारण मुसीबत में पड़ जाएंगे आप स्वयं देख सकते हैं कि अभी यह वृद्धि की शान बिना कारण ही मौत के घाट उतार दिया जाता किसी को क्लोज करनी को भड़काता बहुत सरल है किंतु किसी का क्रोध शांत करना उतना ही कठिन राजा को चाहिए कि वह अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें तथा किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले उसके जुड़े तत्वों की ठीक प्रयास से पदक लेकर इन दिनों से भर से ही किसी निर्णय पर पहुंचे राजा समझ गए कि मूर्खों का साथ बड़ा दुखदाई होता है वह बोले भविष्य में कभी भी मैं तुम्हारे बिना राजप्रभा पर नहीं जाऊंगा उनकी बातों से गांव वाले समझ गए कि छत में भारी कोई और नहीं बड़े राजा हैं तथा उनके साथ उनके दरबारी हैं और वृद्ध ग्रामीण तेनालीराम है फिर तो गांव वालों ने बड़े प्रेम और आदर से उनका अभिनंदन किया अपने प्रति गांव वालों का प्रेम देखकर राजा गदगद हो उठा उधर तेनालीराम की बुद्धिमता के सामने दरबारी पीसीआर बगले झांकने लगे सच ही कहा गया है कि मूर्खों की संगति से बच कर रहना चाहिए |
NOTE : देखिए मुझे इंग्लिश बोलना तो आता है लेकिन फिर भी मैं हिंदी बोल रहे हो कि यह मेरे लिए आसान है | जरा सी बात यह है कि मेरे पास कुछ प्रश्न है इस कहानी को लेकर क्या आप इस प्रश्नों के उत्तर दे सकते कृपया करके मुझे इस प्रश्नों के उत्तर दे दे |
Name - Archu. you can see profile .
1. ग्रामीणों कि राजा के बारे में क्या राय थी?
= ______________________|
2. राजा को विद किसान पर क्रोध क्यों आया?
= _______________________|
कृपया करके मुझे इस प्रश्नों के उत्तर मुझे जल्दी से जल्दी दे दे क्योंकि मुझे ऐसी बहुत आवश्यकता है धन्यवाद |
IF YOU WILL GIVE ME THE ANSWERS I WILL MARK YOU ALL THE BRILLIANT......
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1. ki vah ganne Ki Tarah Meetha Prem Praja se Kare
2. kyoki vah telaniram tha
Hope it helps
please mark me as brain list
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