Hindi, asked by sangeetapandya57, 11 months ago

2. "मैं तो गिरधर के संग जाऊँ
गिरधर मेरो सांचों प्रीतम देखत रूप लुभाऊँ।।"
उपर्युक्त काव्य -पंक्तियों में कौन-सा रस निहित है?​

Answers

Answered by bhatiamona
2

मैं तो गिरधर के संग जाऊँ

गिरधर मेरो सांचों प्रीतम

देखत रूप लुभाऊँ।

रस का भेद : शांत

व्याख्या :

इन पंक्तियों में शांत रस है। क्योंकि इन पंक्तियों में ईश्वर के प्रति भक्ति भाव प्रकट किया जा रहा है, इस कारण यहां पर शांत रस है। शांत रस का स्थाई भाव निर्वेद यानी उदासीनता होता है। संसार के प्रति ज्ञान की प्राप्ति अथवा संसार से वैराग्य होने पर या परमात्मा के वास्तविक रुप का ज्ञान होने पर जो मन को शांति मिली है अथवा ईश्वर की आराधना करने पर मन को शांति मिलती है, वहां शांत रस की उत्पत्ति होती है।

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