2 में दिए गए पद्यांश-I पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
कोई खंडित, कोई कुंठित,
कृश बाहु, पसलियाँ रेखांकित,
टहनी सी टाँगें, बढ़ा पेट,
टेढ़े मेढ़े, विकलांग घृणित!
विज्ञान चिकित्सा से वंचित,
ये नहीं धात्रियों से रक्षित,
ज्यों स्वास्थ्य सेज हो, ये सुख से
लोटते धूल में चिर परिचित!
पशुओं सी भीत मूक चितवन,
प्राकृतिक स्फूर्ति से प्रेरित मन,
तृण तरुओं-से उग-बढ़, झर-गिर,
ये ढोते जीवन क्रम के क्षण!
कुल मान न करना इन्हें वहन,
चेतना ज्ञान से नहीं गहन,
जग जीवन धारा में बहते
ये मूक, पंगु बालू के कण!
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सबसे उचित विकल्पों का चयन कीजिए:-
काव्यांश आपके अनुसार किस विषय पर लिखा गया है?
I. गाँव के बच्चों में कुपोषण की समस्या।
II. गाँव के बच्चों में चेतना ज्ञान का अभाव।
III.
गाँवों में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव।
IV. गाँव के बच्चों की दयनीय दशा का वर्णन।
दूसरे पद में कवि कह रहा है कि?
I. गाँव में विज्ञान की शिक्षा नहीं दी जा रही है।
(iii)
गाँव के बच्चों की स्थिति कैसी है ?
कुपोषित, खिन्न तथा अशिक्षित हैं
[1
क्षीणकाय, किंतु कुल के मान का ध्यान करने वाले हैं
1.
प्राकृतिक वातावरण में रहते हुए स्फूर्ति से भरे हुए हैं
I)
पशुओं की तरह बलिप्ठ परंतु असहाय व मूक हैं
II. गाँव में शिशु जन्म हेतु पर्याप्त दाइयाँ नहीं हैं।
III. .
गाँव में बच्चे स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर शारीरिक व्यायाम कर रहे हैं।
IV. गाँव में बच्चे अपने मित्रों के साथ धूल में कुश्ती जैसे खेल खेल रहे हैं।
(iv)
काव्यांश में कवि का रवैया कैसा प्रतीत होता है ?
वे बच्चों के दशा के विषय में व्यंग्य कर मनोरंजन करना चाह रहे हैं
I.
वे बच्चों की दशा की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं
1.
वे तटस्थ रहकर बच्चों की शारीरिक व मानसिक दशा का वर्णन कर रहे हैं
1४.
वे बच्चों की शारीरिक व मानसिक दशा से संतुष्ट प्रतीत होते हैं
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