2 मैंथा मैं नहीं माखन खायौँ ख्याल पर ये सवा अब तिलि, अरे मुख लपटायौँ। मबै देखि तुही मौके पर भाजन , कँघु धरि लटकायौँ। हो जु कहत ना कर अपने मैं कैसे कर पायौँ। मुख दधि पाँ, बुद्धि एक कीन्ही, दोना पीठि दुरायाँ डॉरि मटि, मुमुकाई जमौदा, स्यामधि कठ लगाया बाल-विनोंद मौद मन मौयल्, भक्ति- प्रताप दिखाया सूरदास जसुमत को यह सुख, सिव बिरचि नदि पायौं । । 11
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2 मैंथा मैं नहीं माखन खायौँ ख्याल पर ये सवा अब तिलि, अरे मुख लपटायौँ। मबै देखि तुही मौके पर भाजन , कँघु धरि लटकायौँ। हो जु कहत ना कर अपने मैं कैसे कर पायौँ। मुख दधि पाँ, बुद्धि एक कीन्ही, दोना पीठि दुरायाँ डॉरि मटि, मुमुकाई जमौदा, स्यामधि कठ लगाया बाल-विनोंद मौद मन मौयल्, भक्ति- प्रताप दिखाया सूरदास जसुमत को यह सुख, सिव बिरचि नदि पायौं । । 11
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sorry I don't know the answer
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