English, asked by parthbalodiya8, 4 months ago

2 मन की मन ही माँझ रही।
कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कही।
अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही।
अब इन जोग संदेसनि सुनि-सुनि, बिरहिनि बिरह दही।
चाहति हुती गुहारि जितहिं तैं, उत तें धार बही।
'सूरदास' अब धीर
kiski ki iccha man m hi raha gaye​

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Answered by bhusanenikhil092
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Explanation:

मन की मन ही माँझ रही।

कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कही।

अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही।

अब इन जोग संदेसनि सुनि-सुनि, बिरहिनि बिरह दही।

चाहति हुती गुहारि जितहिं तैं, उत तें धार बही।

'सूरदास' अब धीर

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