2. मनुष्य को कर्तव्य परायण क्यों होना चाहिए ?
Answers
Answered by
0
Answer:
मानव को यथाशक्ति और आवश्यकता अनुसार कार्य करना ही उसका कर्तव्य परायण होना कहलाता है मानव जीवन कर्तव्यों का भंडार है। उसके कर्तव्य उसकी अवस्था अनुसार छोटे और बड़े होते हैं। इसको पूर्ण करने से जीवन में उल्लास आत्मिक शांति और यश मिलता है। कर्तव्य परायण व्यक्ति का अंत: करण हमेशा स्वस्थ और सरल होता है।
Similar questions