Hindi, asked by 1977raj77, 8 months ago

2. नीचे लिखी पंक्तियों को गद्य रूप में लिखिए।
(क) कष्टप्रद चाहे डगर हो,
राह लें हम खोज।
(ख) निझरों की तरह अपनी,
राह का निर्माण।​

Answers

Answered by mohansah986
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Answer:

मनुष्य की बोलने या लिखने पढ़ने की छंदरहित साधारण व्यवहार की भाषा को गद्य (prose) कहा जाता है। इसमें केवल आंशिक सत्य है क्योंकि इसमें गद्यकार के रचनात्मक बोध की अवहेलना है। साधारण व्यवहार की भाषा भी गद्य तभी कही जा सकती है जब यह व्यवस्थित और स्पष्ट हो। रचनात्मक प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए गद्य को मनुष्य की साधारण किंतु व्यस्थित भाषा या उसकी विशिष्ट अभिव्यक्ति कहना अधिक समीचीन होगा।

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