Hindi, asked by vikt, 5 months ago




-2 निम्न लिखित अपठित पद्यांष को पढ़कर प्रष्नों के उत्त्र दीजिये | उनसेे ईर्ष्या क्या जो सपनों के जंगल में अपने से ही निर्वासित है। वे करूणा के पात्र, जूझती मानवता के साथ जूझने की उमंग से वे वंचित हैं। उन पर कैसा व्यंग्य व्यंग्य जो स्वयं समय के बने हुये हैं। हमने जीवन को दुखान्त नाटक समान स्वीकार किया है, अपना देखा दोष न हमने औरों को ही दोष दिया है। कुछ विधान है जो निर्मम गति से चलता है | 1. कवि किनसे ईर्ष्या न करने की कहता है?

जो आशवादी है

जिन्हे अच्छे जीवन के स्वप्न भी नहीं आते

जो निराशावादी है

जो जीवन को सुखद मानते हैं।

2. हमारी करूणा के पात्र वे व्यक्ति हैं जो-

दूसरों की भलाई करते हैं

दूसरों से ईर्ष्या करते हैं

जूझने की उमंग से भी वंचित है

बहुत निर्बल है

3. विधान है जो निर्मम गति से चलता है पंक्ति का आशय है-

विधान की गति तीव्र होती है

निर्मम गति से चलने वाला विधान कहलता है

जो विधान है वह निर्मम है

विधान में जो कुछ है वह होकर ही रहता है

4. विधान का सामानार्थक है-

संविधान

भाग्य

नियम

इनमे से कोई नहीं

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5. उपर्युक्त पद्यांश का शीर्षक बताइए-

गरीब लोग

निर्मम गति

नियति की विडम्बना

करूणा के पात्र

Answers

Answered by TEAMFNSSOHAM
2

Answer:

Nahi maulm sorrrrrrrry bro

Explanation:

happy new year aaap sabhi ko ❤️

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