2. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
कुत्ते भाषा नहीं जानते, केवल ध्वनि पहचानते हैं। नीलू का ध्वनि-ज्ञान इतना विस्तृत और गहरा था कि उससे कुछ के
जानने वाले मनुष्य से बात करने के समान हो जाता था। बाहर या रास्ते में घूमते हुए यदि कोई उससे कह देता
ढूँढ रही थीं नीलू'' तो वह विद्युत गति से चारदीवारी कूदकर मेरे कमरे के सामने आकर खड़ा हो जाता। फिर कोई
है, जाओ' कहने से पहले वह मूर्तिवत एक स्थिति में ही खड़ा रहता।
(क) कुत्ते हमारी बातचीत को कैसे समझते हैं?
(ख) 'गुरु जी तुम्हें ढूँढ रही थीं' ऐसा सुनकर नीलू क्या करता था?
(ग) नीलू लेखिका के कमरे के बाहर मूर्ति बनकर कब तक खड़ा रहता?
(घ) नीलू को कुछ भी कहना लेखिका को कैसा लगता था?
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