2.
(
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर किसी एक काव्यांश के पूछे गए प्रश्नों के
उत्तर दीजिए-
1x5-5 .
निर्मम कुम्हार की थापी से, कितने रूपों में कुटी-पिटी,
हर बार बिखर गई किंतु मिट्टी फिर भी तो नहीं मिटी।
आशा में निश्छल पल जाए, छलना में पड़कर छल जाए
सूरज दमके तो तप जाए रजनी ठुमके तो ढल जाए,
यों तो बच्चों की गुड़िया सी, भोली मिट्टी की हस्ती क्या
आँधी आए तो उड़ जाए, पानी बरसे तो गल जाए
फसलें उगती फसले कटती लेकिन धरती चिर उर्वर है।
सौ बार बने सो बार मिटे लेकिन मिट्टी अविनश्वर है।
(क) रात होने का मिट्टी पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(ख) मिट्टी चिर उर्वरा कैसे है? सिद्ध कीजिए।
(ग) किन-किन परिस्थितियों में मिट्टी का स्वरूप नहीं बदला?
(घ) मिट्टी की तुलना किससे की गई है?
(ङ) आँधी व पानी मिट्टी को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?
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