2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
"आज जीत के रात,
पहरूए, सावधान रहना।
खुले देश के द्वार,
अचल दीपक समान रहना।
ऊँची हुई मशाल हमारी,
आगे कठिन डगर है।
शत्रु हार गया, लेकिन उसकी
छायाओं का डर है।
शोषण से है मत समान
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i dont think so
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