2.निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएI 4x1=4
1.कुछ भी बन, बस कायर मत बन 2.मानवता ने तुझको सींचा
ठोकर मार पटक मत माथा बहा युगों तक खून पसीना
तेरी राह रोकते पाहन कुछ न करेगा किया करेगा
कुछ भी बन, बस कायर मत बन रे मनुष्य, बस कातर क्रंदन
ले देकर जीना क्या जीना अर्पण कर सर्वस्व मनुज को
कब तक गम के आँसू पीना कर मत दुष्ट को आत्म समर्पण
कुछ भी बन, बस कायर मत बन
1) कवि क्या प्रेरणा दे रहा है ?
2) कवि के अनुसार किस प्रकार का जीवन व्यर्थ है ?
3) कायर से क्या तात्पर्य है ?
4) कवि किस को आत्मसमर्पण न करने के लिए कहता है ?
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I am not sure but
ans 1 ;कवि हमें प्रेरणा दे रहे है कि हमें कभी भी कायर नहीं बनना चाहिए अथवा हमें मुसीबत से भागना नहीं चाहिए।
ans2; कवि के अनुसार के देकर जीना व्यर्थ है।
ans3: कायर से तात्पर्य है वह व्यक्ति जो किसी भी मुसीबत का सामना करने से डरता हो अथवा जीवन की कठिन परिस्थितियों से दूर भागता हो।
ans4;कवि व्यक्ति को दुष्ट के सामने आत्मसमर्पण न करने के लिए कहते है।
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