Hindi, asked by kritika2216, 10 months ago

(2.) निम्नलिखित काव्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़कर पूछे गए करनो के उत्तर दीजिए- (5)

this is the stanza

तुम भीख अन्न की द्धार-द्धार में माँग रहे
तुम भीख दृव्य की द्धार-द्धार मे माँग रहे
क्या आजादी से मिली तुम्हें यह आजादी
तुम कर्ज चढ़ाकर समझे मार छलांग रहे?
यह कौम देश का जब-जब कर्ज चुकाएगी
इस आजादी की याद हमेशा आएगी।
बेड़ियाँ कर्ज की और न बाँधों पाँवो में
क्या इससे हमको नीद-चैन की आएगी।
है एक गुलामी हटी,दूसरी फिर आई,
यह मरज हमारा और बढ. गया सालों का।
पीछे झंडा फहराना ऐ झंडे वालो
पहले जवाब दो मेरे चंद सवालों का।
here is the question
(क) कवि के अनुसार किस चीज की भीख माँगी जा रही है?
(ख) प्रस्तुत काव्यांश मे कर्ज को किसकी संज्ञा दी गई है?
(ग) कवि को ऐसा क्यों लगता है कि एक गुलामी हटने से कुछ नही हुआ?
(घ) कवि ने 'कर्ज' को किसके समान बताया है?
(ड.) 'मरज' शब्द का क्या अर्थ है?

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Answers

Answered by babita1148
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Answer:

क) कवि के अनुसार आजादी की भीख माँगी जा रही है।

ख) आजादी की।

ग) कवि को एेसा इसलिए लग रहा है क्योंकि हमारे देश में अभी भी कई लोगों से अपने ही देश के लोग गुलामी करवा रहे हैं।

घ) कवि ने कर्ज को बेड़ियों के समान बताया है।

ड़) परेशानी।

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