Hindi, asked by ayankhan9166, 7 months ago

2. निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर लगभग 70 से 80 शब्दों में एक कहानी लिखकर उसे उचित शीर्षक ( 5 ) दीजिए । एक ग्वाला दूध में पानी मिलाना अमीर बनना एक और भैंस खरीदने के लिए निकलन रास्ते में नदी पैसों की थैली किनारे रखकर स्नान करना बंदर का थैली उठाना पैसे फेंकना कुछ जमीन पर , कुछ पानी दूध बेचना​

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Answered by brrosiis
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Answer:

पानी की कमाई पानी में

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल के किनारे कुछ ग्वाले रहते थे| वे अपने गाय भैसों का दूध बेचने के लिए शहर में जाया करते थे| उन ग्वालों में एक ग्वाला बहुत लालची था| वह रोज दूध बेचने जाते समय रास्ते में पड़ती नदी में से दूध में पानी मिला दिया करता था|

एक दिन जब ग्वाले बाज़ार से अपनी बिक्री का हिसाब करके पैसे ले कर घर को आ रहे थे तो दोपहर की गर्मी से तंग आकर उन्हों ने नदी में नहाने का मन बनाया| सभी ग्वालो ने अपने अपने कपडे उतार कर एक पेड़ के नीचे रख दिए और नहाने के लिए नदी के बीच में चले गए| कुछ ही देर में पेड़ से एक बन्दर उतरा और उस लालची ग्वाले के कपड़े उठाकर पेड़ पर ले गया | उसने उसकी जेब से रुपये के सिक्कों वाली थैली निकाली और एक एक करके नदी में फैंकने लग गया| ग्वाला चिल्लाया और अपने कपडे और पैसे छुड़ाने के लिए बन्दर के पीछे भागा| इतनी देर में वह बन्दर बहुत सारे सिक्के नदी में गिरा चुका था|

लालची ग्वाला अपने भाग्य को कोसने लगा और कहने लगा कि देखो मेरी महीने की कमाई के आधे पैसे बन्दर ने पानी में मिला दिए| इसपर उसके साथी ग्वालों ने कहा तुमने जितने पैसे पानी मिलाकर कमाए थे उतने पैसे पानी में ही चले गए हैं| पानी की कमाई पानी में| उस दिन से उस ग्वाले ने दूध में पानी मिलाना छोड़ दिया और ईमानदारी से दूध बेचने लगा| इसी लिए कहते हैं कि पाप की कमाई कभी फलती नहीं है|

Explanation:

hope this will help you my friend

have a great day

Answered by sumankaushal969
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पानी की कमाई में पानी

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल के किनारे कुछ ग्वाले रहते थे| वे अपने गायों के दूध बेचने के लिए शहर में जाते थे| उन ग्वेयर में एक ग्वाला बहुत लालची था| वह रोज दूध बेचते समय रास्ते में नदी से दूध में पानी मिला देता था एक दिन जब ग्वाले बाजार से अपनी बिक्री का होश करके पैसे ले कर घर आ रहे थे तो दोपहर की गर्मी से तंग आकर उन्हों ने नदी में नहाने का मन बनाया| सभी ग्वालो ने अपने कपडे उतार कर एक पेड़ के नीचे रख दिए और नहाने के लिए नदी के बीच में चले गए| कुछ ही देर में पेड़ से एक भूखा और उस लालची ग्वाले के कपड़े उठाने ले गए |

उसने अपनी जेब से रुपये के सिक्के भरी और एक करके नदी में फेंक दी| ग्वाला चिल्लाया और अपने कपडे और खुशी के लिए हांकने के पीछे भागा| बहुत देर में बन्दर ने बहुत सारे सिक्के नदी में गिरा दिए| लालची ग्वाला अपने भाग्य को कोसने लगा और कहने लगा कि देखो मेरी महीने की कमाई के आधे पैसे काम करने वालों ने पानी में मिला दिया|

इस पर उसके साथी ने कहा कि जितने पैसे कमाए उतने पैसे पानी में ही चले गए| पानी की कमाई में| उस दिन से उस ग्वाले ने दूध में पानी मिलाना छोड़ दिया और ईमानदारी से दूध बेचने लगी| इसी लिए कहते हैं कि पाप की कमाई कभी फलती नहीं है

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