English, asked by tomarvishnu3602, 6 hours ago

2. निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए।
(क) पुलकित पंख टूट जाएँगे ।
(ख) स्वर्ण-श्रृंखला के बंधन में,अपनी गति,उड़ान सब भूले।
(ग) नीलगगन से होड़ा-होड़ी।​

Answers

Answered by nihasrajgone2005
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Answer:

दी गई पंक्तियों भावार्थ निम्न प्रकार .

please drop some ❤️❤️❤️

Explanation:

please f-o-l-l-o-w m-e bro please

Answered by FallenLove
2

 \huge \pink{ \boxed{ \green{ \mathfrak{ \overbrace{ \underbrace{ \fcolorbox{red}{aqua}{ \underline{ \pink{answer}}}}}}}}}

(क) पुलकित पंख टूट जाएँगे ।

- पुलकित पंख टूट जाएँगे। भावार्थ- कविता की इन पंक्तियों में पंछियों की स्वतंत्र होने की चाह को दर्शाया है। इन पंक्तियों में पक्षी मनुष्यों से कहते हैं कि हम खुले आकाश में उड़ने वाले प्राणी हैं, हम पिंजरे में बंद होकर खुशी के गीत नहीं गा पाएँगे।

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(ख) स्वर्ण-श्रृंखला के बंधन में,अपनी गति,उड़ान सब भूले।

- स्‍वर्ण-श्रृंखला के बंधन में अपनी गति, उड़ान सब भूले, बस सपनों में देख रहे हैं तरू की फुनगी पर के झूले। ऐसे थे अरमान कि उड़ते नील गगन की सीमा पाने, लाल किरण-सी चोंचखोल चुगते तारक-अनार के दाने। होती सीमाहीन क्षितिज से इन पंखों की होड़ा-होड़ी, या तो क्षितिज मिलन बन जाता या तनती साँसों की डोरी।

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(ग) नीलगगन से होड़ा-होड़ी।

- दूसरे के बराबर होने या दूसरे से बढ़ जाने का प्रयत्न ।

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