2.
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़कर उसका सुलेखन कीजिए :
सूर्य अस्त होने से पहले ही वह गुरुजी के घर जा पहुंचा। उसने गुरुजी के चरण छूकर प्रणाम किया। उसके साथियों
को जब पता चला कि वह फिर वापस आ गया है, तब वे तरह-तरह की बातें बनाने लगे। गुरुजी उसे देखते ही बोले;
"बेटा वरदराज ! तुम घर नहीं गए क्या?'' वह नम्रतापूर्वक बोला, "गया था गुरुजी, पर आधे रास्ते से लौट आया।
अब मेरी आँखें खुल गई हैं। मैने निश्चय किया है कि मैं पूरी लगन और परिश्रम से पढूँगा। आज से आपको कभी कुछ
कहने का अवसर नहीं दूंगा।"
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शाम होने से पहले वह गुरु जी के घर जा पहुंचा। उसने गुरु जी को चरण छू कर प्रणाम किया। उसके वापस आने की खबर जब उसके दोस्तों को पता चला तब वे सब तरह तरह की बातें बनाने लगे। यह सब देख कर गुरु जी ने उससे बोला; "बेटा वरदराज ! तुम घर नहीं गए हो क्या?"वरदराज ने नम्रता पूर्वक बोला गया था गुरुजी, पर आधे रास्ते से लौट आया। गुरुजी आप मेरी आंखे खुल गई है। मैंने निश्चय किया है कि मैं पूरी लगन और परिश्रम करके पढ़ाई करूंगा। आज से मैं आपको कभी कुछ कहने का अवसर नहीं दूंगा।
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