(2) निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर एक-एक वाक्य में उत्तरवाले चार ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर
परिच्छेद में हों:-
चारों तरफ कुहरा छाया हुआ है। सुबह के नौ बज चुके हैं, लेकिन पूरी दिल्ली धुंध में लिपटी हुई है। सड़कें नम
हैं। पेड़ भीगे हुए हैं। कुछ भी साफ नहीं दिखाई देता। जिंदगी की हलचल का पता आवाजों से लग रहा है। ये आवाजें
कानों में बस गई हैं। घर के हर हिस्से से आवाजें आ रही हैं। वासवानी के नौकर ने रोज की तरह स्टोव जला लिया है,
उसकी सनसनाहट दीवार के उस पार से आ रही है। बगलवाले कमरे में अतुल भवानी जूते पर पॉलिश कर रहा है।
ऊपर सरदार जी मूंछों पर फिक्सो लगा रहे हैं। उनकी खिड़की के परदे के पार जलता हुआ बल्ब बड़े मोती की तरह
चमक रहा है। सब दरवाजे बंद हैं, सब खिड़कियों पर परदे हैं लेकिन हर हिस्से में जिंदगी की खनक है। तिमंजिले पर
वासवानी ने बाथरूम का दरवाजा बंद किया है और पाइप खोल दिया है।
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१ दिल्ली में सुबह के कितने बज चुके थे?
२ वासवानी के नौकर ने रोज की तरह कौन सा काम कर दिया है?
३ बगल वाले कमरे में अतुल भवानी क्या कर रहा था?
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Explanation:
दिल्ली में शब्द के कितने बज चुके हैं
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