2. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दें।
थका-हारा सोचता मन सोचता मन।
उलझती ही जा रही है एक उलझन।
अंधेरे में अंधेरे से कबतलक लड़ते रहें
सामने जो दिखरहाहै, वहसच्चाईभीकहें।
भीड़ अंधों की खड़ी खुश रेवड़ी खाती
अंधेरेकेइशारोंपरनाचतीगाती।
थका-हारासोचतामन-सोचतामन
भूखी.प्यासीकानाफूसीदेउठीदस्तक
अंधाबनजाझुकादेतमद्वारपरमस्तक।
रेवड़ीकीबांटमेंतूरेवड़ीबनजा
प्रश्न-
1) इसकवितामेंकविक्याप्रेरणादेनाचाहताहै?
2)
थके-हारेमनमेंक्याबातेंआतीहैं?
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(1) इस कविता में कवि क्या प्रेरणा देना चाहता है?
► कवि इस कविता के माध्यम से यह प्रेरणा देना चाहता है कि हमें अपने मन के अंधेरे को दूर करके आशा की एक किरण जगानी चाहिए। जिंदगी में लोगों की भेड़-चाल से अलग हटकर कुछ विशेष करने का प्रयत्न करना चाहिए, तब ही हम कुछ सार्थक कर सकते हैं। नहीं तो दूसरों का अनुसरण करके हम इस जीवन में कुछ विशिष्ट नहीं पा सकते।
(2) थके-हारे मन में क्या बातें आती हैं?
►थके हारें मन में ये बातें आती हैं कि हम कब तक यूँ ही अंधेरों से लड़ते रहे। यह संसार जो केवल एक भेड़-चाल पर चलना जानता है और संसार के लोग देख कर भी अनजान बनते हैं। हम भी कब तक इन्हीं लोगों की भीड़ का हिस्सा बने रहें।
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Explanation:
कभी किस प्रकार अपनी उलझन को दूर करता है
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