2. निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
हँसते खिलखिलाते रंग-बिरंगे फूल क्यारी में देखकर,
जी तृप्त हो गया।
नथुनों से प्राणों तक खिंच गई,
गंध की लकीर-सी।
आँखों में हो गई रंगों की बरसात,
अनायास कह उठा।
वाह,
धन्य है वसंत ऋतु !
लौटने को पैर ज्यों बढ़ाए तो,
क्यारी के कोने में दुबका एक नन्हा फूल अचानक बोल उठा।
सुनो-
एक छोटा-सा सत्य तुम्हें सौंपता हूँ,
धन्य है वसंत ऋतु, ठीक है?
पर उसकी धन्यता उसकी कमाई नहीं,
वह हमने रची है।
हमने?
1. वसंत ऋतु को धन्य क्यों कहा गया है?
उत्तर
2, कवि ने किसको और क्या कहा?
उत्तर
3. क्यारी के कोने में कौन दुबका था और उसने कवि को क्या बताया?
उत्तर
4. लकीर-सी' में कौन-सा अलंकार है?
Answers
1. वसंत ऋतु को धन्य क्यों कहा गया है?
➲ बसंत ऋतु को धन्य इसलिए कहा गया है, क्योंकि बसंत ऋतु बेहद मनभावन होती है। इस ऋतु में रंग-बिरंगे फूलों से वातावरण खिल जाता है। चारों तरफ वातावरण में मधुर भीनी-भीनी सी सुगंध व्याप्त हो जाती है और चारों तरफ का वातावरण खुशनुमा हो जाता है।
2, कवि ने किसको और क्या कहा?
➲ कवि ने बसंत ऋतु को धन्य कहा है, और कहा है कि फूलों की सुगंध से उसके नथुनों से प्राणों तक गंध की लकीर खिंच गयी।
3. क्यारी के कोने में कौन दुबका था और उसने कवि को क्या बताया?
➲ क्यारी को कोने में दुबका नन्हा फूल दुबका था और उसने कवि को उसने कहा कि एक छोटा सा सत्य तुम्हे बताता हूँ कि जो बसंत ऋतु को तुम धन्य बोल रहे हो वो धन्यता उसकी कमाई नही बल्कि हमने रची है।
4. लकीर-सी' में कौन-सा अलंकार है?
➲ लकीर-सी में उपमा अलंकार है।
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