Hindi, asked by priyanshusir8808, 10 months ago

2. निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
तुम भीख अन्न की द्वार-द्वार में माँग रहे
बेड़ियाँ कर्ज की और न बाँधो पाँवों में
तुम भीख द्रव्य की द्वार-द्वार में माँग रहे
क्या इससे हमको नींद चैन की आएगी।
क्या आजादी से मिली तुम्हे यह आजादी
है एक गुलामी हटी दूसरी फिर आई,
तुम कर्ज़ चढ़ाकर समझे मार छलांग रहे?
यह मर्ज़ हमारा और बढ़ गया सालों का।
यह कौम देश का जब-जब कर्ज चुकाएगी
पीछे झंडा फहराना ऐ झंडे वालों
इस आजादी की याद हमेशा आएगी।
पहले जवाब दो मेरे चंद सवालों का ।
क, कवि के अनुसार किस चीज की भीख माँगी जा रही है ?
ख. प्रस्तुत काव्यांश में कर्ज को किसकी संज्ञा दी गयी है ?
ग. कवि को ऐसा लगता है कि एक गुलामी हटने से कुछ नहीं हुआ, क्यों ?
घ, कवि ने कर्ज को किसके समान बताया है ?
ङ. 'झंडा' शब्द के दो पर्यायवाची बताइए?​

Answers

Answered by vk2172003
0

प्रश्न को का जवाब कवि के अनुसार अन्य की भीख मांगी जा रही है द्वार द्वार पर जाकर के

Answered by kharyalshivani
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1 Anaaz ki

2 bediyon ki

3kyonki gulami hatne ke baad bhi karz ke liye jhukna pad raha hai gulaam ka arth hota hai kisi ke adheen rehna par gulami hatne ke baad bhi agar karz mangna pade to koi savtantra nahi hai..

4bediyon ke

5 dhvaz.... Pataka

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