Hindi, asked by pritirdesai, 11 months ago

2. निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
लोहे के पेड़ हरे होंगे, तू गान प्रेम का गाता चल,
नम होगी यह मिट्टी जरूर, आँसू के कण बरसाता चल।
सिसकियों और चीत्कारों से जितना भी हो आकाश भरा,
कंकालों का हो ढेर, खप्परों से चाहे हो पटी धरा।
आशा के स्वर का भार, पवन को लेकिन लेना ही होगा,
जीवित सपनों के लिए मार्ग, मुर्दो को देना ही होगा।
रंगों के सातों घट उड़ेल, यह अँधियाली रंग जाएगी।
उषा को सत्य बनाने को, जावक नभ पर छितराता चल।
आदर्शो से आदर्श भिड़े, प्रज्ञा पर प्रज्ञा टूट रही,
प्रतिमा प्रतिमा से लड़ती है, धरती की किस्मत फूट रही।
आवर्तों का है विषम जाल, निरुपाय बुद्धि चकराती है,
विज्ञान-यान पर चढ़ी हुई सभ्यता डूबने जाती है,
जब-जब मस्तिष्क जयी होता, संसार ज्ञान से चलता है,
शीतलता की है राह हृदय, तू यह संवाद सुनाता चल।
(क) लोहे के पेड़ किसके प्रतीक हैं ? -
(ख) दुःख और निराशा के वातावरण में मनुष्य का क्या कर्त्तव्य होना चाहिए ?
(ग) 'नम होगी यह मिट्टी जरूर' कहकर कवि क्या संकेत दे रहा है ?

Answers

Answered by Cosmique
25

Answer:

You will get your answer in the attachment below

But i will advice you to first read the main idea of the poem for your convieniency of understanding the answer

Ask for any doubt

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Answered by altamashsoofyaan
11

Answer:

hope it is helpful for you

Thank you

Have a good day

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