2. निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
निर्भय स्वागत करो मृत्यु का,
मृत्यु एक विश्राम स्थल
जीव जहां से फिर चलता है,
धारण करजीवन संबल
मृत्यु एक सरिता है जिसमें
श्रम में से कातर जीव नहाकर फिर नूतन धारण करता है
कार्य रूपी वस्त्र बहाकर।
1. कवि मृत्यु का स्वागत निर्भय होकर करने के लिए क्यों कहता है?
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निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
निर्भय स्वागत करो मृत्यु का,
मृत्यु एक विश्राम स्थल
जीव जहां से फिर चलता है,
धारण करजीवन संबल
मृत्यु एक सरिता है जिसमें
श्रम में से कातर जीव नहाकर फिर नूतन धारण करता है
कार्य रूपी वस्त्र बहाकर।
1. कवि मृत्यु का स्वागत निर्भय होकर करने के लिए क्यों कहता है?
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क्योंकि मृत्यु एक विश्राम स्थल है जहां मनुष्य अपनी आत्मा को शान्ती देता इसलिए कवि ने मृत्यु को निर्भय बताया है ।
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