2. निम्नलिखित पव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
ज्यों निकलकर बादलों की गोद से,
थी अभी इक बूंद कुछ आगे बढ़ी।
सोचने फिर-फिर यही जी में लगी,
आह | क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी।
देव, मेरे भाग्य में है क्या बदा?
मैं बनूंगी या मिलूँगी धूल में।
जल उलूंगी गिर अंगारे पर किसी,
चू पढूंगी या कमल के फूल में।
बह उठी उस काल इक ऐसी हवा,
वह समंदर ओर आई अनमनी।
एक सुंदर सीप का था मुँह खुला,
वह उसी में जा गिरी, मोती बनी।
लोग अकसर हैं झिझकते-सोचते,
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर।
किंतु घर का छोड़ना अकसर उन्हें,
बूंद लौं कुछ और ही देता है कर।
1. बूंद कहाँ से निकली?
उत्तर
2. बूंद द्वारा कहा गया 'आह' शब्द किस भाव को व्यक्त करता है?
उत्तर
3. बूंद की चिंता का विषय क्या है?
त्तर
4. अंत में बूंद कहाँ जाकर गिर पड़ी?
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Explanation:
(i) बादल की गोद से
(ii) बूंद द्वारा कहा गया 'आह' शब्द दुख के भाव व्यक्त करता है
(iii) बूंद के लिए चिंता का विषय यह है उन्हें घर क्यों छोड़ना पड़ता है
(iv) अंत में बूंद एक सुंदर सीप में जा गिरी जिसका मुंह खुला था
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हमको निम्नलिखित पव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखना हे
- हमें प्रश्नों का एक सेट दिया गया है जिसका उत्तर ऊपर के पव्यांश में है
- जिसका हमें जवाब देना है
- पहला प्रश्न का उत्तर हे बादलों की गोद से
- दूसरा प्रश्न का उत्तर हे विस्मयादिबोधक भाव को व्यक्त करता है
- तीसरा प्रश्न का उत्तर हे बूंद की चिंता इस विषय में थी कि मैं कहाँ जाकर गिरूगी मेरा भाग्य में है क्या है
- चौथा प्रश्न का उत्तर हे अंत में बूंद एक सुंदर सीप का मुँह मे जाकर गिर पड़ी
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