Hindi, asked by dineshaariyan007, 1 day ago

2.
निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थान पर लगे अनुस्वार वाले शब्दों को छटकर लिखिए :
खंडों, निंदनीय, निमत्रंण, आंतक्यद
3.
निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थान पर अनुनासिक का प्रयोग करके मानक का लिखिए :
उगंली, भाषाएं
4.
निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखिए :
पवित्र, अपमान
5.
निम्नलिखित शब्दों केदो-दो पर्यायवाची लिखिए :
आसमान, अहंकार
6.
निम्नलिखित श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ लिखिए :
दिन-दीन, अंतर-अंदर

Answers

Answered by XxItzAdyashaxX
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Answer:

अनुस्वार के उच्चारण में ‘अं’ की ध्वनि मुख से निकलती है। हिंदी में लिखते समय इसका प्रयोग शिरोरेखा के ऊपर बिंदु लगाकर किया जाता है। इसका प्रयोग ‘अ’ जैसे किसी स्वर की सहायता से ही संभव हो सकता है; जैसे – संभव।

इसका वर्ण-विच्छेद करने पर ‘स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ’ वर्ण मिलते हैं। इस शब्द में अनुस्वार ‘अं’ का उच्चारण (अ + म्) जैसा हुआ है, पर अलग-अलग शब्दों में इसका रूप बदल जाता है; जैसे

संचरण = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + र् + अ + ण् + अ

संभव = स् + अं(अ + म्) + भ् + अ + व् + अ ।

संघर्ष = स् + अं(अ + ङ्) + घ् + अ + र् + ष् + अ

संचयन = स् + अं(अ + न्) + च् + अ + य् + अ + न् + अ

Answered by deepak9140
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Explanation:

(i) संघ (Phylum): जन्तुओं में समान गुणा वाल वर्गा (class) की एक संघ (phylum) में रखा जाता है, जैसे-मत्स्य सरीसृप, उभयचर पक्षी (aves) तथा स्तनधारी जंतुओं को ही संघ कॉर्डटा (chordata) में रखा गया है। इन सभी जंतुओं में रीढ़ की हड्डी उपस्थित होती है। पौधों में समान गुणों वाले व्ग (class) को एक डिविजन (division) में वर्गीकृत किया जाता है। <br> (ii) वर्ग (Class): समान गुणो वाल गण (order) का एक बर्ग (class) में रखा जाता है। गण प्राइमेटा (order primata) में गोरिल्ला, बदर, चिम्पजा औदि की एक ही वर्ग मैमेलिया (mammalia) में चीता , कुत्ता , बकरी आदि के साथ रखा गया है, क्योंकि ये सभी स्तनधारी श्रेणी में रखे गए हैं। <br> (iii) कल (Family): समान गुणा वाल समा वशी (genus) का एक कुल या कुटुम्ब (family) में रखते हैं। जैसे - आलू बैंगन तथा टमाटर में कई गुण समान होते हैं अतः इन्हें एक ही कुल सोलेनेसी (Solanaceae) में रखा गया है। कुल को वर्धी (vegetative) तथा जननीय लक्षणों (reproductive characters) के आधार पर विशेषीकरण (characterization) किया जाता है उदाहणार्थ शेर, तंदुआ तथा बाघ को वंश पेंथेरा (Panthera) में बिल्ली (Felis) के साथ कुल फेलिडी (Felidae) में रखा गया है। इसी प्रकार बिल्ली और कुत्ता में कुछ समानताएँ तथा कुछ असमानतायें होती है। अत: इन्ह दो अलग-अलग कुलों क्रमश: फेलिडी (Felidac) तथा कैनिडी (Canidae) में रखा गया है। <br> (IV) गण (Order): समान गुणों वाले कुलों को एक गण (order) में रखा जाता है। उदाहणार्थकुत्ता, बिल्ली तथा चीता को एक ही ऑर्डर कार्निवोरा (carnivora) में रखा गया है। इसी प्रकार पधा में कानवाल्वुलेसी (convolvulaceac) तथा सोलेनसी (solanaceae) कुल को पुष्पीय गुणों के आधार पर एक गण पॉलीमोनिएल्स (polemoniales) में रखा गया है। <br> (v) वंश (Genus): वर्गीकरण में वंश का बहुत महत्त्व है। वंश, समान स्पीशीज का एक समूह है। द्विपद-नाम पद्धति (binomial nomenclature) के अनुसार किसी भी स्पीशीज को तब तक कोई नाम नहीं दिया जा सकता जब तक कि वह किसी वंश के साथ न हो। <br> प्रायः एक वंश की जाति के गुणों में काफी समानता होती है। सामान्य गुणों के ऐसे समूह को सह-सबंधित गुण (correlatcd characters) कहते हैं। ऐसी जातियों को एक वंश के अन्तर्गत रखा जाता है। एक वंश के अन्दर कई जाति हो सकती हैं, जैसे-मँजीफेरा (Mangifera) आम का वंश, जिसके अन्तर्गत 35 जातियों को रखा गया है। मैजीफेरा इंडिका (Mangifera indica) इन 35 जातियां में से एक जाति है। <br> एक वंश के अन्तर्गत केवल एक जाति भी हो सकती है। ऐसे वंश, जिनमें केवल एक ही जाति होती है मोनोटिपिक जीनस (monotypic genus) कहलाते हैं। जैसे वंश जिंगो (Ginkgo) में केवल एक जाति है - जिंगा बाइलोबा (Ginkgo biloba)।

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