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दो वृद्ध लोगों के बीच भारत के युवाओं को एक संदेश देने के लिए एक संवाद----
1 दिन दो वृद्ध लोग आपस में बैठे कुछ बातें कर रहे थे तभी एक वृद्ध का पोता उधर से निकला उस वृद्ध आदमी ने अपने पोते को आवाज दी भैया जरा सुनिए या सुनो परंतु वह लड़का अपने मोबाइल फोन पर कुछ करता हुआ वहां से चला गया तभी दूसरे वृद्ध ने उस वृद्ध की ओर देखा और कहा आजकल के लड़के तो मोबाइल फोन इंटरनेट और कंप्यूटर में ऐसा लग गए हैं कि वृद्धों के पास बैठना तक भूल गए हैं यह सुनकर दूसरा वृद्ध कहता है हां सही कहते हो भाई हम लोग के समय में तो जब हम बचपन में थे तब घर पर वृद्धों की टोली सी लगती थी हम लोग के दादा चाचा लोग वहां पर आकर बैठे थे हम लोग के साथ अच्छी-अच्छी बातें करते थे और हमें ज्ञान देते थे लेकिन आजकल के युवा तो हम लोग के पास बैठने में ही अपनी अनहोनी समझते हैं अपनी इज्जत नहीं समझते हैं उन्हें लगता है कि पदों के में बैठने से उनकी इज्जत कम हो जाएगी अब तुम ही देख लो अभी मैंने अपने पोते को आवाज दिया और वह उसने मुझे सुने बिना यहां से चला गया अब कौन समझाए इन लोगों को की के अनुभव का ध्यान तुम्हें इंटरनेट मोबाइल या कंप्यूटर नहीं करा सकता है सिर्फ वृद्धि कराएंगे जिन्हें अनुभव हो चुका है किसी अच्छी चीज का या बुरी चीज का वही तूने सही मार्ग दिखा पाएंगे अभी दूसरा बुजुर्ग पहले बजे से कहता है हां भाई सही बात कह रहे हो तुम कहते हुए दोनों बुजुर्ग आपस में अपनी सामान्य बातें करने लगते हैं तो अपनी दिनचर्या के बारे में
तो दोस्तों मैंने इस संवाद का विषय दिया था दो बुजुर्गों के बीच से युवाओं को एक अनुभव प्राप्त होना या एक संदेश प्राप्त होना तो यहां से अब हम निष्कर्ष के तौर पर यह संदेश निकाल सकते हैं कि हम युवाओं को अपने इंटरनेट मोबाइल कंप्यूटर से कुछ समय निकालकर अपने बुजुर्गों को भी थोड़ा सा समय देना चाहिए जिससे उनका भी मन हल्का होगा और उनको भी थोड़ी शांति मिलेगी हमें भी ज्ञान अनुभव आज सब प्राप्त होगा और उनके द्वारा सही संदेश व सही मार्ग मिलेगा जो कि हमारे सफल होने के लिए अति आवश्यक है अतः निष्कर्ष के तौर पर हम यह कह सकते हैं कि बुजुर्गों का होना हमारे जीवन के लिए और हमारी सफलता के लिए बहुत आवश्यक है।
आशा करता हूं कि मेरे द्वारा लिखा गया यह संवाद आपको पसंद आया होगा आपके लिए मददगार साबित होगा बहुत-बहुत धन्यवाद आपका
1 दिन दो वृद्ध लोग आपस में बैठे कुछ बातें कर रहे थे तभी एक वृद्ध का पोता उधर से निकला उस वृद्ध आदमी ने अपने पोते को आवाज दी भैया जरा सुनिए या सुनो परंतु वह लड़का अपने मोबाइल फोन पर कुछ करता हुआ वहां से चला गया तभी दूसरे वृद्ध ने उस वृद्ध की ओर देखा और कहा आजकल के लड़के तो मोबाइल फोन इंटरनेट और कंप्यूटर में ऐसा लग गए हैं कि वृद्धों के पास बैठना तक भूल गए हैं यह सुनकर दूसरा वृद्ध कहता है हां सही कहते हो भाई हम लोग के समय में तो जब हम बचपन में थे तब घर पर वृद्धों की टोली सी लगती थी हम लोग के दादा चाचा लोग वहां पर आकर बैठे थे हम लोग के साथ अच्छी-अच्छी बातें करते थे और हमें ज्ञान देते थे लेकिन आजकल के युवा तो हम लोग के पास बैठने में ही अपनी अनहोनी समझते हैं अपनी इज्जत नहीं समझते हैं उन्हें लगता है कि पदों के में बैठने से उनकी इज्जत कम हो जाएगी अब तुम ही देख लो अभी मैंने अपने पोते को आवाज दिया और वह उसने मुझे सुने बिना यहां से चला गया अब कौन समझाए इन लोगों को की के अनुभव का ध्यान तुम्हें इंटरनेट मोबाइल या कंप्यूटर नहीं करा सकता है सिर्फ वृद्धि कराएंगे जिन्हें अनुभव हो चुका है किसी अच्छी चीज का या बुरी चीज का वही तूने सही मार्ग दिखा पाएंगे अभी दूसरा बुजुर्ग पहले बजे से कहता है हां भाई सही बात कह रहे हो तुम कहते हुए दोनों बुजुर्ग आपस में अपनी सामान्य बातें करने लगते हैं तो अपनी दिनचर्या के बारे में
तो दोस्तों मैंने इस संवाद का विषय दिया था दो बुजुर्गों के बीच से युवाओं को एक अनुभव प्राप्त होना या एक संदेश प्राप्त होना तो यहां से अब हम निष्कर्ष के तौर पर यह संदेश निकाल सकते हैं कि हम युवाओं को अपने इंटरनेट मोबाइल कंप्यूटर से कुछ समय निकालकर अपने बुजुर्गों को भी थोड़ा सा समय देना चाहिए जिससे उनका भी मन हल्का होगा और उनको भी थोड़ी शांति मिलेगी हमें भी ज्ञान अनुभव आज सब प्राप्त होगा और उनके द्वारा सही संदेश व सही मार्ग मिलेगा जो कि हमारे सफल होने के लिए अति आवश्यक है अतः निष्कर्ष के तौर पर हम यह कह सकते हैं कि बुजुर्गों का होना हमारे जीवन के लिए और हमारी सफलता के लिए बहुत आवश्यक है।
आशा करता हूं कि मेरे द्वारा लिखा गया यह संवाद आपको पसंद आया होगा आपके लिए मददगार साबित होगा बहुत-बहुत धन्यवाद आपका
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Desh Mein badhte apradho ke bare mein do Puja ke beech samvad
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